जौनपुर। शिवाला घाट निजामाबाद में चल रहे संगीतमय नव दिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा वाचक सीताराम नाम शरण जी महराज ने बताया कि श्रीराम कथा मानव जीवन के लिए अत्यंत कल्याणकारी है, क्योंकि श्रीराम कथा मन को शुद्ध करती है और लोभ, मोह, ईर्ष्या जैसे दोषों को दूर करती है। आंतरिक शांति और भक्ति का मार्ग दिखाती है तथा मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों से जीवन जीने की प्रेरणा देती है जिससे व्यक्ति एक सदाचारी और उद्देश्यपूर्ण जीवन जी पाता है और अंततः परम सुख प्राप्त करता है।
उन्होंने आगे कहा कि नैतिक और आदर्श जीवन भगवान राम के जीवन, गुणों (साहस, धैर्य, निष्ठा) और शिक्षाओं से हमें धर्म के मार्ग पर चलने और एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है जिससे जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन मिलता है। रामकथा सुनने से भक्ति बढ़ती है और भगवान से हमारा संबंध मजबूत होता है जिससे दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
उन्होंने बताया कि श्रीराम कथा के श्रवण, पठन और गायन से व्यक्ति लौकिक सुखों को प्राप्त करता है और अंततः प्रभु राम के धाम (मोक्ष) को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रीराम कथा केवल एक कहानी नहीं, बल्कि जीवन को बदलने का मार्गदर्शन सुधारने और उसे परम कल्याण की ओर ले जाने का एक सशक्त माध्यम है। इस अवसर पर रमेश साहू, रजनीश, त्रिलोकी नाथ, राहुल त्रिपाठी, अविनाश राय आदि मौजूद रहे। संचालन कृपाशंकर पाठक ने किया। बताया गया कि कथा प्रतिदिन सायं 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक चल रही है। अन्त में आरती पूजन कर भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि नैतिक और आदर्श जीवन भगवान राम के जीवन, गुणों (साहस, धैर्य, निष्ठा) और शिक्षाओं से हमें धर्म के मार्ग पर चलने और एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है जिससे जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन मिलता है। रामकथा सुनने से भक्ति बढ़ती है और भगवान से हमारा संबंध मजबूत होता है जिससे दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
उन्होंने बताया कि श्रीराम कथा के श्रवण, पठन और गायन से व्यक्ति लौकिक सुखों को प्राप्त करता है और अंततः प्रभु राम के धाम (मोक्ष) को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होता है। श्रीराम कथा केवल एक कहानी नहीं, बल्कि जीवन को बदलने का मार्गदर्शन सुधारने और उसे परम कल्याण की ओर ले जाने का एक सशक्त माध्यम है। इस अवसर पर रमेश साहू, रजनीश, त्रिलोकी नाथ, राहुल त्रिपाठी, अविनाश राय आदि मौजूद रहे। संचालन कृपाशंकर पाठक ने किया। बताया गया कि कथा प्रतिदिन सायं 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक चल रही है। अन्त में आरती पूजन कर भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया।
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