जौनपुर। शहर में यौमुन्नबी के मौके पर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। जौनपुर में अपनी पुरानी रिवायत के अनुसार जश्ने यौमेन्नबी का जश्न मछली शहर पड़ाव स्थित शाही ईदगाह से हरी झंडी अरशद खान और निखलेश सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दिखाकर शुरू हुआ जिसमें विभिन्न अखाड़े अपने-अपने अलग-अलग करतब दिखाते हुए आगे चल रहे थे। वहीं इस्लामी नजम पढ़ने वाली विभिन्न प्रकार की अंजुमन भी हुजूर की शान में नात पढ़ते हुए आगे बढ़ रही थी। पूरा शहर दुल्हन की तरह सजाया गया था। अलग-अलग सजावट कमेटी ने दिन-रात एक करके इस काम को अंजाम दिया था। वहीं कोतवाली के सामने एक कार्यक्रम कौमी यकजहती राष्ट्रीय एकता के नाम पर किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने-अपने वक्तव्य में हजरत मुस्तफा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और बताया कि इस समय भी उनकी बातों को आत्मसात करना बहुत जरूरी है। तभी समाज देश व पूरी दुनिया में शांति स्थापित हो सकती है।
इसी रिवायत में कार्यक्रम आगे बढ़ता हुआ शाही अटाला मस्जिद के प्रांगण में पहुंचा जहां पर देर रात एक जलसे को मौलाना कयामुद्दीन ने संबोधित किया। इस प्रकार रात भर पूरे शहर में चहल-पहल बनी रही। वहीं मेला आयोजन मरकजी सीरत कमेटी के पदाधिकारी पूरी रात मेला प्रबंधन में रूप में नियंत्रण करते हुए दिखाई दिए। प्रशासन भी अपनी पूरी कोशिश के साथ मेले को सम्पन्न कराने में लगा रहा। इस मौके पर अकरम मंसूरी,अरशद कुरैशी, असलम शेर खान, आसिफ मजहर, अब्दुल अहद मुन्ने, दिलदार अहमद, नूरुद्दीन मंसूरी, नेयाज ताहिर शेखू, शहाबुद्दीन विद्यार्थी, सद्दाम सिद्दीकी, मास्टर मेराज आदि लोग मौजूद रहे।
इसी रिवायत में कार्यक्रम आगे बढ़ता हुआ शाही अटाला मस्जिद के प्रांगण में पहुंचा जहां पर देर रात एक जलसे को मौलाना कयामुद्दीन ने संबोधित किया। इस प्रकार रात भर पूरे शहर में चहल-पहल बनी रही। वहीं मेला आयोजन मरकजी सीरत कमेटी के पदाधिकारी पूरी रात मेला प्रबंधन में रूप में नियंत्रण करते हुए दिखाई दिए। प्रशासन भी अपनी पूरी कोशिश के साथ मेले को सम्पन्न कराने में लगा रहा। इस मौके पर अकरम मंसूरी,अरशद कुरैशी, असलम शेर खान, आसिफ मजहर, अब्दुल अहद मुन्ने, दिलदार अहमद, नूरुद्दीन मंसूरी, नेयाज ताहिर शेखू, शहाबुद्दीन विद्यार्थी, सद्दाम सिद्दीकी, मास्टर मेराज आदि लोग मौजूद रहे।
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