जौनपुर। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर गांवों में बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिजली मरम्मत के कार्य कराए जाते हैं। कई बार लोग अपनी जान जोखिम में डालकर निजी स्तर पर इन कार्यों को करते हैं, क्योंकि विभागीय जिम्मेदारियां समय पर पूरी नहीं होती। गांव में बिजली की खराबी कई दिनों से बनी हुई थी और गुलशन को निजी तौर पर बुलाया गया था, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बिजली विभाग या स्थानीय प्रशासन को इन स्थितियों के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जाना चाहिये। गुलशन की मौत की खबर जैसे ही गांव में फैली, चारों तरफ मातम छा गया। घर पर लोगों का तांता लग गया। हर आंख नम थी और हर कोई गुलशन के व्यक्तित्व की तारीफ कर रहा था। एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा कि "बहुत मेहनती और शांत लड़का था गुलशन, कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं करता था।" वहीं गुलशन के माता-पिता की स्थिति बेहद दयनीय है। जवान बेटे की इस तरह की मौत ने उन्हें भीतर से तोड़ दिया है। पिता दयाराम तो लगातार बेहोश हो जा रही है और पिता सिर्फ बेटे की तस्वीर को देखते हुए आंसू बहा रहे हैं।
Jaunpur News : बिजली विभाग की लापरवाही भी सवालों के घेरे में
byटीम संचार सेतु
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