जौनपुर। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भ्रष्टाचार में आकण्ठ डूबा है। अध्यापकों के फर्जी चयन से लेकर उनकी अनुपस्थिति और लगातार गायब रहने के नाम पर जहां अधिकारी द्वारा मोटी रकम वसूली जाती है, वहीं स्कूलों के रख—रखाव, मरम्मत सहित अन्य सामानों की खरीद फरोख्त में अनेक अनियमितताओं पर पर्दा डालने के लिए अवैध वसूली कर उन्हें निर्दोष साबित कर दिया जाता है।
उक्त बातें माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रो. (डॉ०) आशा राम ने मुख्यमंत्री को भेजे गये शिकायती पत्र में कही। साथ ही आरोप लगाया कि राज्यमंत्री के संरक्षण में बीएसए लगातार 3 वर्षों से अधिक समय से अपने पद पर बने हुए हैं जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे शासन के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। तमाम विद्यालयों की मान्यता सूची में नामों को मनमानी तौर पर शामिल किया गया है जबकि सूची में मान्यता के लिए विद्यालय किन कारणों से प्रतीक्षारत हैं, उसे स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। अनेक स्कूल व फर्जी शिक्षक अनियमिति सेवायें दे रहे हैं, उन पर कार्यवाही नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि इन सबकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गयी है जिसकी जाँच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनायी गयी है जिसमें एबीएसए धर्मापुर, करंजाकला व शाहगंज से आख्या माँगी गयी है लेकिन आख्या देने में वे टाल-मटोल कर जाँच प्रभावित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, विद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण में दोषी पाये गये स्कूलों, शिक्षकों पर कार्यवाही न करने के लिए धन वसूली की जाती है। आरोप है कि तथाकथित शिक्षकों के फर्जी चयन पर कार्यवाही न करके उनसे वसूली की जाती है। बीएसए द्वारा तमाम जनसूचना के मामलों में हस्तक्षेप कर जनसूचना उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। प्रकरण की जाँच कराकर दोषी बीएसए जौनपुर पर तत्काल दण्डात्मक कार्यवाही करें। इस बाबत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेने के लिये उनके नम्बर से सम्पर्क करने का प्रयास असफल रहा।
उक्त बातें माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग के पूर्व चेयरमैन प्रो. (डॉ०) आशा राम ने मुख्यमंत्री को भेजे गये शिकायती पत्र में कही। साथ ही आरोप लगाया कि राज्यमंत्री के संरक्षण में बीएसए लगातार 3 वर्षों से अधिक समय से अपने पद पर बने हुए हैं जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे शासन के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। तमाम विद्यालयों की मान्यता सूची में नामों को मनमानी तौर पर शामिल किया गया है जबकि सूची में मान्यता के लिए विद्यालय किन कारणों से प्रतीक्षारत हैं, उसे स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। अनेक स्कूल व फर्जी शिक्षक अनियमिति सेवायें दे रहे हैं, उन पर कार्यवाही नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि इन सबकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गयी है जिसकी जाँच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनायी गयी है जिसमें एबीएसए धर्मापुर, करंजाकला व शाहगंज से आख्या माँगी गयी है लेकिन आख्या देने में वे टाल-मटोल कर जाँच प्रभावित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, विद्यालयों के आकस्मिक निरीक्षण में दोषी पाये गये स्कूलों, शिक्षकों पर कार्यवाही न करने के लिए धन वसूली की जाती है। आरोप है कि तथाकथित शिक्षकों के फर्जी चयन पर कार्यवाही न करके उनसे वसूली की जाती है। बीएसए द्वारा तमाम जनसूचना के मामलों में हस्तक्षेप कर जनसूचना उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। प्रकरण की जाँच कराकर दोषी बीएसए जौनपुर पर तत्काल दण्डात्मक कार्यवाही करें। इस बाबत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से जानकारी लेने के लिये उनके नम्बर से सम्पर्क करने का प्रयास असफल रहा।
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