जौनपुर। मॉरिशस के पूर्व राष्ट्रपति के. राजकेश्वर पुरयाग के निधन पर सिविल लाइन के पास स्थित एक होटल में शोकसभा हुई जहां अध्यक्षता करते हुए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष डॉ ब्रजेश यदुवंशी ने कहा कि के. राजकेश्वर पुरयाग भारतीय संस्कृति के प्रति गहरी आस्था रखते थे। उन्होंने मॉरिशस में भारतीय संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वह भारतीय मूल के होने के नाते अपनी जड़ों से जुड़े रहे जिन्होंने मॉरिशस में भारतीय संस्कृति को संजोने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी विरासत और योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
विदित हो कि डा. यदुवंशी को 2014 में भारतीय संस्कृति एवं मॉरिशस से भारत के रिश्ते पर विशेष योगदान के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम के. राजकेश्वर पुरयाग के हाथों कर्मयोगी सम्मान मिला था। उस सम्मान समारोह में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, प्रख्यात लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, उत्तर प्रदेश विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष माता के साथ पांडेय व कैबिनेट मंत्री अंबिका चौधरी मौजूद थे।
शोकसभा में शैलेंद्र सिंह, बजरंग दल अध्यक्ष आशुतोष सिंह, रोहित यादव, निलेश यादव, सचिन यादव, महेंद्र मौर्य, संतोष मिश्रा, शिक्षक जय सिंह यादव, प्रधानाध्यापक शिव नारायण यादव, मेजर जमालुद्दीन, शिवम सिंह, चंदन सिंह, मोहम्मद शरीफ, रोहित सिंह, डॉ दिनेश कनौजिया, डा. मोईन, रमेश मौर्य सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
विदित हो कि डा. यदुवंशी को 2014 में भारतीय संस्कृति एवं मॉरिशस से भारत के रिश्ते पर विशेष योगदान के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम के. राजकेश्वर पुरयाग के हाथों कर्मयोगी सम्मान मिला था। उस सम्मान समारोह में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, प्रख्यात लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, उत्तर प्रदेश विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष माता के साथ पांडेय व कैबिनेट मंत्री अंबिका चौधरी मौजूद थे।
शोकसभा में शैलेंद्र सिंह, बजरंग दल अध्यक्ष आशुतोष सिंह, रोहित यादव, निलेश यादव, सचिन यादव, महेंद्र मौर्य, संतोष मिश्रा, शिक्षक जय सिंह यादव, प्रधानाध्यापक शिव नारायण यादव, मेजर जमालुद्दीन, शिवम सिंह, चंदन सिंह, मोहम्मद शरीफ, रोहित सिंह, डॉ दिनेश कनौजिया, डा. मोईन, रमेश मौर्य सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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