खेतासराय, जौनपुर। आदर्श रामलीला समिति पोरई कला द्वारा आयोजित भव्य रामलीला मंचन में बुधवार की रात्रि को वह अद्भुत क्षण आया जब प्रभु श्रीराम ने जनकपुर में आयोजित स्वयंवर के दौरान भगवान शिव का प्रतापी धनुष भंग कर दिया। जैसे ही राम ने धनुष उठाया और वह टूटा, पूरा मैदान जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। श्रद्धालु झूम उठे, मंचन स्थल पर वातावरण भक्तिमय हो गया और उपस्थित दर्शक भाव-विभोर होकर प्रभु के जयकारे लगाने लगे।
रामलीला के इस महत्वपूर्ण प्रसंग का मंचन इतना प्रभावशाली और भावनात्मक रहा कि मानो मिथिला नगरी स्वयं धरती पर उतर आई हो। मंच पर भगवान राम की भूमिका निभाने वाले कलाकार ने अपने अभिनय से समूचे दर्शक वर्ग का हृदय जीत लिया। सीता-स्वयंवर के दृश्य में जब राम ने सहज भाव से शिव धनुष उठाया। सभा में उपस्थित राजा जनक, ऋषि-मुनि और जनसमूह की विस्मयभरी प्रतिक्रिया को कलाकारों ने सजीव कर दिया।सीता स्वयंवर का दृश्य प्रकाश, ध्वनि और संगीत के अद्भुत संयोजन से इतना जीवंत बना कि दर्शक भाव-विह्वल हो उठे। जैसे ही धनुष टूटने की आवाज़ गूँजी, मंच पर पुष्पवर्षा की गई तो वहीं परशुराम जी और लक्ष्मण जी का संवाद हुआ इसके पूर्व रावण और बाणासुर संवाद भी हुआ। दर्शक मंचन देख भाव विभोर हो गये।
समिति के अध्यक्ष ने बताया कि रामलीला का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि धर्म, मर्यादा और आदर्शों का प्रसार करना है। उन्होंने कहा कि आज के युग में जब समाज में मूल्यों की आवश्यकता और अधिक महसूस की जा रही है। ऐसे में रामलीला हमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने का अवसर देती है।
अंत में भक्तों ने दीप जलाकर भगवान श्रीराम और माता सीता की आरती उतारी। पूरा मैदान भक्ति, उल्लास और भावनाओं से सराबोर हो गया। रामलीला के अगले चरण में राम-परशुराम संवाद और राजतिलक जैसे प्रसंगों का मंचन किया जाएगा। इस अवसर पर राजेश सिंह, बृजेश सिंह, उपेंद्र मिश्र, संतोष सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह, नितेश यादव, संचम राजभर सहित तमाम सहयोगी उपस्थित रहे।
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