जौनपुर। श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन तीर्थराज प्रयागराज से पधारीं निकेता त्रिपाठी ने भक्तों को कई ज्ञानवर्धक कथाएं श्रवण करवाईं। साथ ही बताया कि भगवान अपने भक्तों के कष्ट को दूर करने के लिये कुछ भी करते हैं। राजा परीक्षित के प्राण बचाने के लिये भगवान माता उत्तरा के गर्भ में प्रवेश किये थे। राजा परीक्षित जी के प्राण बचाये थे। एक कथा और सुनाई कि एक बार श्रीकृष्ण ने कुंती बुआ से बोले कि आप हमसे कुछ भी मांग सकती हैं। तब कुंती जी ने श्रीकृष्ण से दुःख मांगे तब भगवान बोले कि सब सुख मांगते हैं लेकिन आप दुख क्यों? इस पर कुंती बोलीं कि सुख में सब भगवान को भूल जाते हैं और दुःख में भगवान को याद करते हैं। मैं हमेशा आपको याद करना चाहती हूं। इसके बाद कथा वाचिका ने कलयुग के बारे में बताया कि जो अधर्म से कमाया धन होता है, जहां पर हिंसा होती है, वहां कलयुग वाश करता है।
कथा का संचालन कर रहे नितिन जी ने बताया कि यह कथा का आयोजन अश्वनी सिंह द्वारा कराया जा रहा है। सभी भक्त इस कथा में पधारे और प्रसाद ग्रहण करें। कथा विश्राम में राधा—राधा भजन के साथ आरती के साथ द्वितीय दिवस की कथा विश्राम की गयी। इस अवसर पर अश्वनी सिंह समेत सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।
कथा का संचालन कर रहे नितिन जी ने बताया कि यह कथा का आयोजन अश्वनी सिंह द्वारा कराया जा रहा है। सभी भक्त इस कथा में पधारे और प्रसाद ग्रहण करें। कथा विश्राम में राधा—राधा भजन के साथ आरती के साथ द्वितीय दिवस की कथा विश्राम की गयी। इस अवसर पर अश्वनी सिंह समेत सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।
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