मड़ियाहूं, जौनपुर। 122 दिवसीय जनजागरण यात्रा लेकर संत पंकज जी महाराज पाल चौराहा के पास सुदनीपुर में पड़ाव किया जहां आयोजित सत्संग सभा में संत जी ने कहा कि जिस प्रकार हवा और पानी का कोई बंटवारा नहीं है, उसी प्रकार भगवान का भी कोई बंटवारा नहीं है। भगवान ने सभी मनुष्यों को एक समान बनाया है और उन्हें अच्छे-बुरे कर्मों के लिए स्वतंत्रता दी है लेकिन फल भोगने में सभी परतंत्र हैं।
उन्होंने सत्गुरु की प्राप्ति को जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। सत्गुरु से सुरत-शब्द योग की साधना सीखकर मनुष्य त्रिकालदर्शी बन सकता है और उसकी जीवात्मा अलौकिक शक्तियों का अनुभव कर सकती है। संत जी ने भजन और भक्ति के लिए मानव धर्म और मानव कर्म को अपनाने पर जोर दिया। इंसान को इंसान के काम आना चाहिए और करुणा, दया और अहिंसा जैसे गुणों को अपनाना चाहिए।अंत में संत पंकज जी महाराज ने आगामी 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक जयगुरुदेव मंदिर आगरा-दिल्ली बाईपास मथुरा में आयोजित होने वाले पावन वार्षिक भंडारा सत्संग मेला में भाग लेने का निमंत्रण दिया। पुलिस प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग किया। इसके बाद धर्म यात्रा अपने अगले पड़ाव कुम्भी मोकलपुर के लिए प्रस्थान कर गई जहां दोपहर 12 बजे से सत्संग सभा आयोजित होगी।
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