मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के ठीक पीछे स्थित शाही रोड के खड़ंजे पर बने एक पूजा स्थल की बाउंड्रीवॉल तोड़े जाने से हिंदू समुदाय का गुस्सा अपने चरम पर पहुंच गया। देखते ही देखते रात में हजारों की भीड़ वहां इकट्ठी हो गई। इसके बाद प्रशासन ने फौरन यूटर्न लिया और बाउंड्रीवालों को पुनः बनवाने का आदेश दिया।
बताया गया कि तहसील के ठीक पीछे सुशीला पत्नी मिश्रीलाल का घर और दुकान है। उनके लड़के रोहित गुप्ता ने बताया कि रात 8:30 बजे जब उन्होंने दुकान बंद कर शटर गिरा दिया और परिवार के लोग भीतर चले गए तब जेसीबी से उनके घर के ठीक सामने बने चबूतरे पर स्थित पूजास्थल की बाउंड्रीवॉल को लेखपाल परमानंद मिश्रा और अधिशासी अधिकारी विजय सिंह ने अपनी मौजूदगी में जेसीबी से ध्वस्त करा दिया। इसकी सूचना आग की तरह कस्बे में फैल गई। देखते ही देखते हिंदुओं का बड़ी भीड़ वहां पहुंच गयी। लोगों ने लेखपाल से पूछा कि क्या इतने पुराने बाउंड्रीवॉल तोड़ने के लिए कोई लीगल नोटिस दिया गया है जिस पर प्रशासन खामोश रहा।हंगामा बढ़ता देख क्षेत्राधिकारी प्रतिमा वर्मा ने अधिकारियों से बात करके बाउंड्रीवालों को पुनः बनाए जाने की बात कही। रोहित गुप्ता ने बताया कि जेसीबी की टक्कर से शिवलिंग और नंदी महाराज की मूर्ति और एक भगवान की फोटो खंडित हो गई है। चुकी उक्त बाउंड्रीवाल को हटवाने का प्रयास बगल स्थित एक अस्पताल के संचालक सरवर राईन द्वारा कई सालों से किया जा रहा है, इसलिए मामला दो समुदायों के बीच का भी बनने लगा लेकिन पुलिस ने तत्काल समय रहते निर्णय लेकर विवाद को आगे बढ़ने से रोक दिया।
मौके पर पहुंचे बजरंग दल के जिला सम्पर्क प्रमुख कमल मौर्य, नगर अध्यक्ष विनीत सोनी, धर्म जागरण प्रमुख शनि हलवाई, जिला सेवा प्रमुख अरविन्द अग्रहरि, नगर कार्यवाह अभिषेक जायसवाल, आकाश तिवारी, महादेव शुक्ल आदि ने अधिनियम का आरोप लगाया कि प्रशासन ने वर्षों पुरानी बाउंड्रीवालों को गिराने में कोई भी लीगल कदम नहीं उठाया और रात के अंधेरे में गुपचुप ढंग से जेसीबी लाकर दीवाल को तोड़ दिया गया। हिंदू संगठनों ने मांग किया कि जिस भी अधिकारी के आदेश पर ऐसा अनुचित कृत्य किया गया है, उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उक्त बाउंड्रीवॉल का निर्माण सड़क पर अतिक्रमण करके किया गया है जिसकी वजह से उसे गिराने का निर्णय लिया गया जबकि वहां मौजूद सैकड़ो हिंदू लोगों ने प्रशासन को आईना दिखाते हुए कहा कि तहसील के अंदर और तहसील के बाउंड्री से सटकर नाले पर कई जगह अतिक्रमण हो रखा है। इसे प्रशासन नहीं देख पा रहा है जबकि पूजा स्थल की बाउंड्रीवॉल जो वर्षों पुरानी बनी है, उसे रात के अंधेरे में तोड़ दिया जा रहा है। कहा कि प्रशासन को ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि उसने रात के अंधेरे में यह कदम उठाया?
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