Jaunpur News : ​...जहां मौत का फरिश्ता इजाजत ले, वह है मोहम्मद का घर

28 सफर पर निकला जुलूस, अंजुमनों ने किया नौहा मातम
जौनपुर। जिले में हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. की वफात व उनके बड़े नवासे इमाम हसन अ.स. की शहादत पर शहर व ग्रामीण इलाकों में 28 सफर का जुलूस निकाला गया जो अपने क़दीम रास्तों से होता हुआ सदर इमामबाड़ा जाकर समाप्त हुआ। शनिवार को अंजुमन जाफरी के नेतृत्व में नगर के मखदूम शाह अढ़न मोहल्ला स्थित इमाम बारगाह हसनैन खां मरहूम से निकाला गया। इस दौरान ताजिया, शबीहे ताबूत व अलम मुबारक के साथ नगर की सभी अंजुमनों ने नौहा-मातम किया।
जुलूस अपने कदीमी रास्ते से होता हुआ कोतवाली चौराहे पहुंचा जहां मातमी दस्तों ने जंजीर और कमा का मातम किया। इसके बाद जुलूस बड़ी मस्जिद, पुरानी बाजार होता हुआ बेगमगंज स्थित सदर इमाम बारगाह पहुंचा जहां शबीहे ताबूत, आलम ठंडा किया गया और ताजिये को सुपुर्दे खाक किया गया। इसके पहले मजलिस की शुरुआत सोजख्वानी शबाब हैदर व उनके हमनवां ने किया। पेशखानी एहतेशाम जौनपुरी, मजलिस को डा. सैय्यद कमर अब्बास ने खिताब करते हुये कहा कि इस कायनात के रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.व.) उनके नवासे इमाम हसन व हुसैन ने अपनी पूरी जिंदगी इस्लाम को फैलाने में कुर्बान कर दिया।
मजलिस के बाद शबीहे अलम, ताबूत व ताजिया उठाया गया जिसके हमराह अंजुमन जाफ़री ने नौहा और मातम शुरु किया। कोतवाली तिराहे पर पहुंचा जहां जंजीर और कमा का मातम किया गया। यहाँ अंजुमन जुल्फेकारियाँ व कौसरियाँ, हैदरी, जुलूस को मल्हनी पड़ाव, पुरानी बाजार से होता हुआ सदर इमाम बारगाह बेगमगंज पहुंचा जहां नौहा और मातम के बाद तुर्बत व ताबूत को सुपुर्द ए खाक किया गया। इस दौरान शहर की सभी अंजुमनें मौजूद थी।जुलूस का संचालन तहसीन शाहिद ने किया। आभार मुमताज अहमद खान, सकलैन अहमद खान, हसीन अहमद खान, समर अली, अमीर अली राजा, शावेज अहमद खां, जीशान अहमद खां, अफरोज अहमद, शमशाद अहमदनदीम अहमद खां, मुफीद अहमद, मोज़ज़्म अली ने प्रकट किया।
वहीं सोमवार की देर रात्रि नगर के बारादुअरिया स्थित इमामबाड़ा मीर हैदर मरहूम में 27 सफर का कदीम जुलूस संपंन हुआ। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सैयद सफदर हुसैन जैदी ने कहा कि आज हम सब रसूले खुदा हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. व उनके बड़े नवासे हजरत इमाम हसन की शहादत को मनाने के लिए इकट़्ठा हुए हैं। इमाम हसन को जालिमों ने जहर देकर शहीद किया था। मजलिस के बाद जुलूस निकाला गया। तकरीर बेलाल हसनैन ने किया जिसके बाद शबीहे अमारियां बरामद हुईं। शहर की सभी प्रमुख अंजुमनों ने नौहा व मातम कर नजराने अकीदत पेश किया। जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ इमामबाड़ा पहुंचा जहां अलविदाई तकरीर मौलाना शेख हसन जाफर ने किया। इसके बाद शबीहे ताबूत को अलम से मिलाया गया। संयोजक अमीर हैदर अम्मन ने आभार प्रकट किया। सोजखानी शबाब हैदर व उनके हमनवां ने किया। इस अवसर पर रियाजुल हसन, शबीहुल हसन सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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