नौपेड़वा, जौनपुर। बक्शा कृषि विज्ञान केंद्र पर आयोजित 5 दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम में दाल और दलहनों के मूल्यसंवर्धन के तीसरे दिन बुधवार को महिलाओं ने नमकीन बनाने की तकनीक सीखी। कार्यक्रम की समन्वयिका डॉ. प्रगति यादव ने दिन की गतिविधियों की रूप—रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रतिभागी महिलाओं को मूंग दाल मठरी, चना दाल बर्फी तथा दाल मिक्स पापड़ जैसे मूल्यवर्धित उत्पादों की बनाने की तकनीकी जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान स्वयं विभिन्न प्रकार के नमकीन उत्पाद तैयार कर उनकी बनाने की विधियाँ भी महिलाओं को सिखाईं। महिलाओं ने उत्साहपूर्वक इन व्यंजनों को केंद्र पर स्वयं बनाकर व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. रूपेश सिंह ने दाल और दलहनों के घरेलू प्रसंस्करण की तकनीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला।वैज्ञानिक डॉ. हरीओम वर्मा ने पैकेजिंग और भंडारण तकनीकों के महत्व पर चर्चा करते हुए महिलाओं को उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखने के उपाय बताए जबकि केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने दाल एवं दलहन उत्पादों के विपणन और उद्यमिता की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही कहा कि ऐसे मूल्यसंवर्धित उत्पाद ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।
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