वाराणसी। बुधवार, अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के जन्मदिवस ( 23 जुलाई ) के अवसर पर दिशा छात्र संगठन द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत आज बीएचयू के वीटी पर सभा का आयोजन किया गया। साथ ही डीएसडबल्यू के परिसर में स्थित चन्द्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
सभा के दौरान दिशा छात्र संगठन के ध्रुव ने बात रखते हुए कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी चन्द्रशेखर आज़ाद के नाम से तो परिचित है लेकिन उनके विचारों के बारे में नहीं जानती है। बनारस में ही 15 साल की उम्र में चन्द्रशेखर आज़ाद ने अपने क्रान्तिकारी जीवन की शुरुआत की थी। आमतौर पर लोग ये तो जानते हैं कि चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे क्रान्तिकारी बेहद बहादुर नौजवान थे और देश के लिए उन्होंने अपना सब-कुछ क़ुर्बान कर दिया लेकिन वो किस तरह का समाज बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे इस बात से बहुत से लोग अभी भी अनभिज्ञ हैं। देश के नेता-मंत्री भी उनके जन्मदिवस पर उनकी तस्वीरों या मूर्तियों पर फूल-माला चढ़ा देते हैं लेकिन उनके विचार और सपनों पर कोई बात नहीं करते हैं। क्योंकि ये जानते हैं कि अगर देश के छात्र-नौजवान और आम लोग चन्द्रशेखर आज़ाद के सपनों और उनके विचारों के बारे में जानेंगे तो उनके सपनों का समाज बनाने के लिए लड़ाई में उतर पड़ेंगे।
सभा में बात रखते हुए दिशा के अमित ने कहा कि चन्द्रशेखर आज़ाद समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता को अपना आदर्श मानते थे। भगतसिंह के नेतृत्व में हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) नाम बदलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन(एचएसआरए) कर दिया गया। चन्द्रशेखर आज़ाद इस संगठन के कमांडर-इन-चीफ़ नियुक्त किये गये। आज हमारे देश में चुनावबाज पार्टियों ने 'समाजवाद' और 'धर्मनिरपेक्षता' जैसे शब्दों को घिसा हुआ सिक्का बना दिया है। कार्यक्रम में क्रान्तिकारी गीत की प्रस्तुत किये गये और पर्चे बांटे गये। कार्यक्रम में में अमित, ध्रुव, ज्ञान, मुकुल, बीरू आदि शामिल रहे।
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