फार्मासिस्ट मांगे अपना अधिकार कौन करेगा इस पर विचार। Sanchar Setu




वाराणसी। गुरुवार, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जिले के सभी स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट पद पर कार्य कर रहे संविदा एवं परमानेंट फार्मासिस्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऑफिस जाकर  प्रदर्शन कर जताई नाराजगी। जानकारी के अनुसार वाराणसी जिले में फार्मासिस्ट को कोई भी सीनियर कर्मचारी जैसे की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य उच्च पदाधिकारी आदि लोग रिस्पेक्ट के साथ नहीं बुलाते हैं , सूत्रों की माने तो कहीं-कहीं   फार्मासिस्ट को अपशब्द व सीधे गाली देकर बुलाया  जाता है।एक फार्मासिस्ट से पूछे जाने पर  पता चला कि जब उनसे काम लेना होता है तो फार्मासिस्ट की कार्यशीलता एवं पद का अवहेलना करते हुए हमेशा  हीनता की दृष्टि से देखा जाता है , जबकि शहर के सभी फार्मेसिस्ट लोग जब भी जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा कोई भी कार्यालय द्वारा आदेश जारी किया जाता है तो फार्मासिस्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश का पालन करने हेतु अपना सब कुछ त्याग कर ड्यूटी को  मानते हुए हमेशा आदेशित स्थान पर हाजिर रहते हैं,  कुछ और  फार्मासिस्ट से ज्ञात यह भी हुआ  कि अभी बीते वर्ष 2024 में ठंड के महीने में देर रात 8 बजे तक  NQAS के कार्य को पूरा करने के लिए रुक जाते थे और अपने कार्य से कभी भी पीछे नहीं हुए और जब रिस्पेक्ट की बारी आती है तो उन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। सूत्रों की माने तो पैरामेडिकल स्टाफ जैसे कि फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन रेडियोलॉजिस्ट के बिना स्वास्थ्य विभाग के सिस्टम को चलाना संभव नहीं है, अंततः सभी फार्मासिस्ट यही कहना था कि अगर हम लोग जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऑफिस आए हैं और हमारी बात को नहीं सुना गया अनदेखा किया गया तो हम लोग अपर अधिकारी तक जाएंगे। धरना प्रदर्शन पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सभी फार्मासिस्ट को  समय दिया और उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार को दृष्टिगत अग्रिम कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया गया।



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