शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय कोतवाली परिसर में समाचार संकलन करने पहुंचे एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार के साथ कोतवाली के एक दरोगा और हेड कांस्टेबल ने दुर्व्यहार किया। साथ ही थाने में दोबारा आने पर फर्जी मुकदमा लादकर ज़िन्दगी भर जेल में सड़ाने की धमकी भी दिया। डरा—सहमा पीड़ित ने एसपी से मिलकर मामले की जांचकर कार्यवाई की मांग किया।
जानकारी के अनुसार कोतवाली अंतर्गत ग्राम खरौना निवासी विशाल सोनी पुत्र अशोक सोनी एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र में शाहगंज संवाददाता हैं। विशाल मंगलवार को एसपी डा. कौस्तुभ के कार्यालय पहुंचकर प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया कि कोतवाली शाहगंज में तैनात एसआई प्रदीप सिंह और हेड कांस्टेबल जितेन्द्र पाण्डेय ने मारपीट के मामले में बीते रविवार को समाचार संकलन के लिए पहुंचा था। वहां लहूलुहान व्यक्ति फर्स पर पड़ा हुआ था जिसका वीडियो इंटरनेट पर भी बहुत वायरल हुआ था। उसी से झल्लाये एसआई प्रदीप सिंह और हेड कांस्टेबल जितेंद्र पाण्डेय ने गालियां देते हुये कहा कि अगर दोबारा अगर थाने में दिखे तो फर्जी मुकदमे फसाकर ज़िन्दगी जेल में सड़ाएंगे। प्रार्थना पत्र में कहा कि उस वक्त थाना परिसर में काफी लोग थे जिससे उसे मानसिक आघात और घटना की जानकारी होने पर वह और उसका परिवार बहुत डरा सहमा है। फिलहाल अब देखना यह है कि पुलिस कप्तान क्या कार्यवाई करते हैं जिससे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की गरिमा बची रहे और एक पत्रकार अपना काम निष्पक्षता और निडर होकर कर सके।
जानकारी के अनुसार कोतवाली अंतर्गत ग्राम खरौना निवासी विशाल सोनी पुत्र अशोक सोनी एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र में शाहगंज संवाददाता हैं। विशाल मंगलवार को एसपी डा. कौस्तुभ के कार्यालय पहुंचकर प्रार्थना पत्र देते हुए आरोप लगाया कि कोतवाली शाहगंज में तैनात एसआई प्रदीप सिंह और हेड कांस्टेबल जितेन्द्र पाण्डेय ने मारपीट के मामले में बीते रविवार को समाचार संकलन के लिए पहुंचा था। वहां लहूलुहान व्यक्ति फर्स पर पड़ा हुआ था जिसका वीडियो इंटरनेट पर भी बहुत वायरल हुआ था। उसी से झल्लाये एसआई प्रदीप सिंह और हेड कांस्टेबल जितेंद्र पाण्डेय ने गालियां देते हुये कहा कि अगर दोबारा अगर थाने में दिखे तो फर्जी मुकदमे फसाकर ज़िन्दगी जेल में सड़ाएंगे। प्रार्थना पत्र में कहा कि उस वक्त थाना परिसर में काफी लोग थे जिससे उसे मानसिक आघात और घटना की जानकारी होने पर वह और उसका परिवार बहुत डरा सहमा है। फिलहाल अब देखना यह है कि पुलिस कप्तान क्या कार्यवाई करते हैं जिससे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की गरिमा बची रहे और एक पत्रकार अपना काम निष्पक्षता और निडर होकर कर सके।
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