जौनपुर। ललित कला अकादमी लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन चित्रकला कार्यशाला चल रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर कलाविद् रविकांत जायसवाल के मार्गदर्शन में कार्यशाला में विशेष चित्रकला कार्यक्रम हुआ जहां बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। पर्यावरण संरक्षण जैसे ज्वलंत विषयों पर आधारित चित्रों के ज़रिये बच्चों ने अपनी रचनात्मकता का अद्भुत प्रदर्शन किया। इन चित्रों में न केवल रंगों की सुंदरता थी, बल्कि जागरूकता का गहरा संदेश भी छिपा था। यह आयोजन पर्यावरण के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को उभारने में सहायक रहा।
संस्थाध्यक्ष ज्योति श्रीवास्तव ने कार्यशाला में बच्चों द्वारा जल संरक्षण, हरियाली, प्राकृतिक संतुलन जैसे विषयों को सजीव रूप में चित्रित करने पर प्रशंसा किया। इन चित्रों में बच्चों की कल्पना शक्ति, तकनीकी समझ और विचारशीलता स्पष्ट रूप से दिखाई दी। कला के इन रंग-बिरंगे माध्यमों ने बच्चों को न केवल सृजनशील बनाया, बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी का बोध भी कराया। प्रतिभागी बच्चों ने यह सिद्ध किया कि चित्र केवल दृश्य नहीं होते, वे विचारों की भाषा भी होते हैं। यह कार्यक्रम बच्चों की कलात्मक प्रतिभा को नया आयाम देने वाला रहा।इसी क्रम में कलाविद् रविकान्त जायसवाल कहा कि चित्रों के माध्यम से बच्चों ने समाज को यह संदेश दिया कि पर्यावरण की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उनकी कला ने यह साबित किया कि छोटी उम्र में भी बड़े विचार जन्म ले सकते हैं। इस दौरान तमाम सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बच्चों की सराहना करते हुए अभिभावकों को ऐसे आयोजनों के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला में चित्रकला के साथ कथक, लोकगीत और नाट्य कला का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस अवसर पर रवीन्द्रनाथ गुप्ता, डा. बृजेश कौनौजिया, डा. गौरव मौर्या, मनीष अस्थाना, मनोज गुप्ता, ऋषि श्रीवास्तव, अमित गुप्ता, मनीष श्रीवास्तव, बालकृष्ण साहू, अरुण केसरी, डॉ विपिन सिंह, डॉ अमरनाथ पांडेय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में संस्कार भारती के महामंत्री अमित अंशु ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।
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