वाराणसी। जनपद के खोजवां अन्तर्गत द्वारिकाधीश मन्दिर शंकुलधारा में आयोजित शुभ विवाह समारोह एवं अक्षय कन्यादान महोत्सव में 125 बेटियों का कन्यादान किया गया जहां मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि मानव संंस्कृति को अमरता प्रदान करने का जो नैसर्गिक संस्कार है, उस परिणय संस्कार का अनूठा संयोग काशी में भगवान द्वारिकाधीश के समक्ष पौराणिक शंकुलधारा कुण्ड पर देखने को मिला। संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र कार्यवाह वीरेन्द्र जायसवाल द्वारा आयोजित महोत्सव में भागवत जी ने कहा कि विवाह से कुटुम्ब और कुटुम्ब से समाज बनता है। कुटुम्ब मकान के ईंट के समान होता है जिसको पक्का होना चाहिये। साथ ही आगे कहा कि आजकल होने वाले विवाह में तो बहुत खर्च होता है मगर समाज को कुछ नहीं मिलता है। ऐसे में वीरेन्द्र जी ने समाज के प्रति कर्तव्य के भाव को इस आयोजन में बदल दिया है। इसी क्रम में क्षेत्र कार्यवाह वीरेन्द्र जायसवाल सहित अन्य वक्ताओं ने अपना विचार व्यक्त करते हुये इस अनोखी पहल को सराहा। इसके पहले शंकुलधारा कुण्ड से बग्घी, घोड़े, बैण्ड, बाजा, आतिशबाजी, डीजे के साथ भव्य बारात निकाली गयी जिस पर रास्ते में वर पूजा, ग्राम देवता पूजा एवं पुष्पवर्षा की गयी। सभी वर कुण्ड के चारों तरफ बने मण्डप स्थल पर पहुंचे जहां पूरे विधि—विधान से उनकी शादी करायी गयी। इस मौके पर आये मोहन भागवत सहित अन्य अतिथियों का स्वागत सूबे के स्टाम्प मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, उद्योग मंत्री नन्द गोपाल नन्दी, महापौर अशोक तिवारी के अलावा गुजरात से आये मदन लाल जायसवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा, मातृशक्ति लक्ष्मी जायसवाल, समाजसेवी अमर जायसवाल, रिया जायसवाल सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अन्त में विरेन्द्र जायसवाल ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
Varanasi News : द्वारिकाधीश में हुआ विवाह समारोह एवं अक्षय कन्यादान महोत्सव
byटीम संचार सेतु
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