नये सत्र में विश्वविद्यालय की दिशा पर हुआ मंथन
सरायख्वाजा, जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शुक्रवार को संकाय एवं विभागाध्यक्षों की बैठक विश्वविद्यालय की दिशा को नए आयाम देने के संबंध में हुई। कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षण गुणवत्ता, छात्र सहभागिता, अनुसंधान और प्लेसमेंट जैसे अहम मुद्दों पर विंदुवार विस्तार से चर्चा की गई।इस मौके पर कुलपति ने कहा कि "हम चाहते हैं कि कक्षा का वातावरण ऐसा हो, जहां छात्र केवल उपस्थिति दर्ज न कराएं, बल्कि ज्ञान की गंगा में गोते लगाएं,"। शिक्षकों से आह्वान किया कि वे केवल पाठ्यक्रम न पढ़ाएं, बल्कि पठन-पाठन को आनंदमयी यात्रा बनाएं। बैठक में यह तय किया गया कि शिक्षकों को क्लास रूम एवं प्रैक्टिकल कक्षाओं में बच्चों के साथ अधिक सक्रिय रूप से जुड़ना होगा। क्विज़, चर्चा, केस स्टडी सहित अन्य संवादात्मक तरीकों से छात्रों की पर्सनालिटी को संवारा जाएगा।"प्रतिभा को पहचानिए, मंच दीजिए और सराहना की परंपरा को संस्कृति बनाइए," यह विचार बैठक का सार बनकर उभरा। एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों को नया जीवन देने की बात हुई। खेल, संगीत, नृत्य, थिएटर जैसे क्षेत्रों में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित अभ्यास की व्यवस्था और परिसर स्तर पर स्पर्धाओं की योजना बनाने पर भी चर्चा की गई। पेपर पब्लिकेशन की गुणवत्ता और प्रोजेक्ट लाने पर भी जोर दिया गया। उच्च इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध-पत्रों के प्रकाशकों को सम्मानित किया जाएगा ताकि शोध की गुणवत्ता और प्रेरणा दोनों बढ़े।
इसी क्रम में प्रो. मानस पांडेय द्वारा प्रस्तुत 9 सूत्रीय प्रस्ताव पर सभी सदस्यों ने विचार—विमर्श किया। बोर्ड ऑफ स्टडी में इंडस्ट्री एक्सपर्ट, पूर्व छात्र और सीनियर छात्रों की सलाह लेकर पाठ्यक्रम को अधिक व्यावसायिक और व्यावहारिक बनाया जायेगा। उनकी सलाह को अध्ययन परिषद के पाठ्यक्रम की डिजाइन में शामिल किया जायेगा। एनसीसी, एनएसएस और छात्र सुविधा केंद्र को और अधिक क्रियाशील बनाने पर भी सहमति बनी। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा, "हम सीमित संसाधनों में भी असीम संभावनाएं तलाशेंगे। आने वाला सत्र ऐसा होगा जहां छात्र कहेंगे— हां, हमने सही संस्थान चुना है।" उन्होंने पिछले सत्र की उपलब्धियों के लिए शिक्षकों को बधाई दी और नए सत्र के लिए प्रेरणास्पद शुभकामना भी दिया। विश्वविद्यालय की प्रगति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय ज्ञान, शोध और नवाचार की त्रिवेणी बनकर उभर रहा है।
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. गिरधर मिश्रा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मुराद अली. प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. नूपुर गोयल, उप कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ रसिकेश, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. नृपेंद्र सिंह, डॉ धीरेंद्र चौधरी, डॉ वनिता सिंह सहित तमाम संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष आदि उपस्थित थे।
إرسال تعليق