जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की बी.ए. (एसपीजे) द्वितीय वर्ष, चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा नशरा फ़ातिमा को प्रतिष्ठित अभीजीत सेन रूरल इंटर्नशिप प्रोग्राम (एएसआरआई) 2025 के लिए चुना गया है। यह चयन न केवल पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (एनएफआई) द्वारा संचालित यह इंटर्नशिप प्रोग्राम देशभर के चुनिंदा युवाओं को ग्रामीण भारत की सामाजिक, आर्थिक, और नीतिगत संरचना को नजदीक से समझने का अवसर देता है। आमतौर पर इस प्रोग्राम के लिए देशभर के सैकड़ों छात्र आवेदन करते हैं, लेकिन हर वर्ष केवल 40-50 छात्रों का चयन किया जाता है। इसका चयन बेहद प्रतिस्पर्धात्मक होता है और इसमें चयनित होना उच्च शैक्षणिक और सामाजिक समझ का प्रतीक माना जाता है।
नशरा फ़ातिमा को पहले चरण में शॉर्टलिस्ट किया गया था और उन्हें 22 मार्च, 2025 को नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (एनएफआई), नई दिल्ली में पैनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। नई दिल्ली में आयोजित, जहां नीति विश्लेषण, डेटा संग्रहण, फील्ड रिसर्च आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। ग्रामीण भारत के किसी हिस्से में भेजा जाता है जहाँ छात्र वास्तविक परिस्थितियों का अध्ययन करते हैं। 3एसी ट्रेन टिकट और लोकल ट्रैवल का खर्च एनएफआई वहन करता है। इंटर्न्स को रिसर्च आधारित फील्ड रिपोर्ट तैयार करनी होती है, जो पॉलिसी निर्माण में योगदान दे सकती है। नशरा फ़ातिमा का चयन एक संदेश है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो किसी भी क्षेत्र से निकलकर राष्ट्रीय पहचान बनाई जा सकती है। विश्वविद्यालय प्रशासन और जौनपुर क्षेत्र के लोगों ने इस उपलब्धि की सराहना की है। एएसआरआई 2025 जैसी इंटर्नशिप में युवाओं का चयन न केवल उनके व्यक्तिगत विकास का जरिया बनता है, बल्कि भारत के ग्रामीण भविष्य को समझने और संवारने का माध्यम भी। नशरा फ़ातिमा जैसे छात्र देश को जमीनी हकीकत से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं, जो कि आने वाले समय में एक बेहतर और समावेशी नीति निर्माण में सहायक होगा।
नशरा फ़ातिमा को पहले चरण में शॉर्टलिस्ट किया गया था और उन्हें 22 मार्च, 2025 को नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (एनएफआई), नई दिल्ली में पैनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। नई दिल्ली में आयोजित, जहां नीति विश्लेषण, डेटा संग्रहण, फील्ड रिसर्च आदि की ट्रेनिंग दी जाती है। ग्रामीण भारत के किसी हिस्से में भेजा जाता है जहाँ छात्र वास्तविक परिस्थितियों का अध्ययन करते हैं। 3एसी ट्रेन टिकट और लोकल ट्रैवल का खर्च एनएफआई वहन करता है। इंटर्न्स को रिसर्च आधारित फील्ड रिपोर्ट तैयार करनी होती है, जो पॉलिसी निर्माण में योगदान दे सकती है। नशरा फ़ातिमा का चयन एक संदेश है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत सच्ची हो, तो किसी भी क्षेत्र से निकलकर राष्ट्रीय पहचान बनाई जा सकती है। विश्वविद्यालय प्रशासन और जौनपुर क्षेत्र के लोगों ने इस उपलब्धि की सराहना की है। एएसआरआई 2025 जैसी इंटर्नशिप में युवाओं का चयन न केवल उनके व्यक्तिगत विकास का जरिया बनता है, बल्कि भारत के ग्रामीण भविष्य को समझने और संवारने का माध्यम भी। नशरा फ़ातिमा जैसे छात्र देश को जमीनी हकीकत से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं, जो कि आने वाले समय में एक बेहतर और समावेशी नीति निर्माण में सहायक होगा।
إرسال تعليق