अजय पाण्डेय @ जौनपुर। केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग के क्षेत्रीय ग्राम सचिव लगभग 4 दशक पूर्व लागू तथा वर्तमान में अप्रासंगिक हो चुके अत्यन्त न्यून साइकिल भत्ते की बढ़ोत्तरी हेतु वर्तमान में चल रहे क्रमिक सांकेतिक सत्याग्रह आंदोलन के तृतीय चरण में 10 दिसंबर से सरकार के ध्यानाकर्षण हेतु यंत्र चालित व्यक्तिगत संसाधनों को छोड़कर क्षेत्रीय भ्रमण साइकिल से करेंगे।
इस संदर्भ में ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. प्रदीप सिंह एवं ग्राम विकास अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुबाष चंद्र पांडेय ने संयुक्त रूप से विज्ञप्ति जारी करके अवगत कराया कि वर्तमान में देश जहां बुलेट ट्रेन की परिकल्पना सहित मंगलयान पर अपना उपग्रह उतार रहा है, वहीं ग्रामीण विकास की धुरी ग्राम सचिव कालातीत हो चुकी साइकिल से क्षेत्र भ्रमण हेतु मजबूर है। वर्तमान में साइकिल की प्रासंगिकता खत्म हो गयी है तथा इसके इसके लिए प्राप्त भत्ता राशि अपर्याप्त है। बहुत अधिक समय से पर्याप्त वाहन भत्ता उपलब्ध कराने हेतु संगठन सरकार से मांग कर रहा है लेकिन परिणाम अनुकूल नहीं होने की वजह से अब प्रदेश के समस्त सचिव सरकार द्वारा प्रदत्त भत्ते के अनुकूल साइकिल से ही क्षेत्र भ्रमण करते हुए विभागीय कार्य निपटायेंगे।पदाधिकारीद्वय ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण सचिवों के लिए अव्यवहारिक ऑनलाइन उपस्थिति, बिना कोई संसाधन उपलब्ध कराये अन्य विभागों के कार्य लिए जाने सहित विभिन्न समस्याओं पर प्रभावी निर्णय लेने हेतु पूर्व घोषित क्रमिक सांकेतिक सत्याग्रह आंदोलन के तृतीय चरण में सचिवों द्वारा साइकिल से ही क्षेत्रीय भ्रमण करने का निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रथम चरण में काली पट्टी बांधकर तथा द्वितीय चरण में खंड विकास अधिकारी एवं जिलाधिकारी के माध्यम से अपनी मांग एवं समस्याओं से संदर्भित अनुरोध ज्ञापन मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को प्रेषित किया गया है। साथ ही सरकारी मोबाइल, सिम एवं डाटा भत्ता की मांग सरकार से करते हुए पूरे प्रदेश के ग्राम सचिवों ने अपने व्यक्तिगत मोबाइल से विकास खंड एवं जनपद के समस्त शासकीय व्हाट्सएप ग्रुपों से स्वयं को लेफ्ट कर लिया है।
दिलचस्प बात यह है कि पूरे प्रदेश में कार्य के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराने तथा अव्यवहारिक ऑनलाइन उपस्थिति पर रोक लगाने हेतु 1 दिसंबर से जारी सांकेतिक क्रमिक शांतिपूर्ण सत्याग्रह आंदोलन में समस्त सचिव अपने विभागीय उत्तरदायित्वों के निर्वहन के साथ ही विधानसभा निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण में पूर्ण सहयोग भी कर रहे हैं।
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