केराकत, जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने अगले वर्ष 2026 होने वाले पंचायत चुनावों से संबंधित सूचना जारी कर दी है जिसमें प्रत्याशियों के नामांकन शुल्क, जमानत राशि के साथ साथ प्रत्याशियों द्वारा कुल चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी है। राज्य चुनाव आयोग द्वारा ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक सभी पदों पर अपना भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशियों के लिए अलग-अलग शुल्क व खर्च की सीमा निर्धारित की गई है। चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों से संबंधित इससे पूर्व के आदेश को निरस्त कर नया आदेश जारी कर दिया है और इसकी विस्तृत जानकारी सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को भेज दिया है। जिसके बाद से गांव की राजनीति में अचानक से परिवर्तन देखने को मिला रहा है। पंचायत चुनाव लड़ने की लालसा रखने वाले प्रत्याशियों का घर-घर आवागमन शुरू हो चुका। विगत कुछ वर्षों में जिस तरह से पंचायत चुनाव में भाग्य आजमाने की सक्रियता बढ़ी है उसे देखते हुए जाहिर है कि चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग साम-दाम-दंड-भेद द्वारा अपनी-अपनी गोटी फिट करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। सच तो यह भी है कि ग्राम प्रधान, जिला पंचायत और जिला पंचायत अध्यक्ष जैसे चुनावों में धनबल और बाहुबल का समन्वय देखने को मिलता रहा है। लिहाजा इसमें कोई दो राय नहीं कि आगामी पंचायत चुनावों में भी प्रत्याशियों द्वारा हर तरह का हथकंडा अपनाया जाएगा। पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग भले ही तरह-तरह के प्रलोभनों से जनता-जनार्दन का मन-मस्तिष्क अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश करें लेकिन अंतिम फैसला तो जनता-जनार्दन के वोट अधिकार से ही होगा। आज का नागरिक योग्य, शिक्षित और जागरूक है इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वे अपने विवेक का सही इस्तेमाल करते हुए एक ऐसे शख्स के हाथों में ही पंचायत का अधिकार सौंपे जिनके हाथों में गांव से लेकर जिला सुरक्षित हो। ग्रामीण जनता यदि अपने गांव की बुनियादी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अपने मत का सही उपयोग करती है तो योग्य उम्मीदवार चुनकर आएगा। योग्य उम्मीदवार निश्चित रूप से अपनी नीति, कुशलता और बुद्धि-विवेक से आवश्यक विकास की आधारशिला रखेगा जिसकी बुनियाद पर एक आदर्श ग्राम पंचायत स्थापित की जा सकती है।
Jaunpur News : मेरा गांव मेरी सरकार...
byटीम संचार सेतु
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