जौनपुर। जिला महिला अस्पताल के नए भवन की ओपीडी में इन दिनों मरीजों की भरमार सी हो गई है। ओपीडी में 3 डाक्टरों की तैनाती है लेकिन सबसे अधिक भीड़ डा. अरविन्द राजभर के कक्ष में लगती है। महिला अस्पताल में हर रोज लगभग दो सौ की ओपीडी होती है।
पत्र—प्रतिनिधि ने शुक्रवार को पड़ताल किया तो डॉ. अरविन्द राजभर के कक्ष में मौजूद महिला मरीजों ने बताया कि डाक्टर साहब से इलाज करवा रही हूं। काफी आराम है। महिला मरीज होने के नाते किसी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बयान दिया।
इस बारे में जब डा. राजभर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हर रोज लगभग 80 महिला मरीजों की समस्या सुनकर दवा लिखने के साथ बचाव और उचित देखभाल की सलाह देता हूं। ज्यादातर विवाहित गर्भवती महिला ही आती हैं। 20 प्रतिशत ऐसे नाबालिग और बालिग लड़कियां आती हैं जिनको समस्या हो रही होती है।
डा. राजभर ने बताया कि जो भी महिला मरीज आती हैं, उन्हें अस्पताल की दवा लिखा जाता है। कुछ ऐसी दवा जो महत्वपूर्ण होती है, उसे प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से लेने के लिए लिखा जाता है। संवाददाता ने दलालों पर सवाल किया तो डा. राजभर ने बताया कि मेरे कक्ष में ऐसा कुछ नहीं है। अगर ऐसा हुआ भी तो इसकी जानकारी सीएमएस को दूंगा, ताकि वह ठोस कार्रवाई करें।
टहलते रहते हैं दलाल, नहीं लगती भनक
जिला महिला अस्पताल में दलाल टहलते रहते हैं लेकिन किसी को भनक नहीं लग पाती है। यही दलाल महिला मरीज के परिजनों को बरगला कर प्राइवेट अस्पताल में लिवा जाते हैं जहां इन दलालों को अच्छा कमीशन मिलता है जबकि सीएमएस ने सख्त आदेश दिया है कि अस्पताल में मरीज और उसके परिजनों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति का प्रवेश नहीं होना चाहिये।
इस बारे में जब डा. राजभर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हर रोज लगभग 80 महिला मरीजों की समस्या सुनकर दवा लिखने के साथ बचाव और उचित देखभाल की सलाह देता हूं। ज्यादातर विवाहित गर्भवती महिला ही आती हैं। 20 प्रतिशत ऐसे नाबालिग और बालिग लड़कियां आती हैं जिनको समस्या हो रही होती है।
डा. राजभर ने बताया कि जो भी महिला मरीज आती हैं, उन्हें अस्पताल की दवा लिखा जाता है। कुछ ऐसी दवा जो महत्वपूर्ण होती है, उसे प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से लेने के लिए लिखा जाता है। संवाददाता ने दलालों पर सवाल किया तो डा. राजभर ने बताया कि मेरे कक्ष में ऐसा कुछ नहीं है। अगर ऐसा हुआ भी तो इसकी जानकारी सीएमएस को दूंगा, ताकि वह ठोस कार्रवाई करें।
टहलते रहते हैं दलाल, नहीं लगती भनक
जिला महिला अस्पताल में दलाल टहलते रहते हैं लेकिन किसी को भनक नहीं लग पाती है। यही दलाल महिला मरीज के परिजनों को बरगला कर प्राइवेट अस्पताल में लिवा जाते हैं जहां इन दलालों को अच्छा कमीशन मिलता है जबकि सीएमएस ने सख्त आदेश दिया है कि अस्पताल में मरीज और उसके परिजनों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति का प्रवेश नहीं होना चाहिये।
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