Jaunpur News : ​​ ​युवा दीनदयाल जी के सिद्धांतों को आत्मसात करें: प्रो. सत्येन्द्र

सरायख्वाजा, जौनपुर। दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि एवं विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत संकाय भवन स्थित दीनदयाल जी की प्रतिमा पर कुलपति, प्राध्यापकगण, अतिथिगण एवं छात्र-छात्राओं द्वारा माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित से हुई। श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सभी लोगों ने पंडित जी के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
इसके उपरांत आई.बी.एम.ए. भवन के कांफ्रेंस हॉल में दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के तत्वावधान में "भारतीय लोकतंत्र के संदर्भ में दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों की प्रासंगिकता" विषय पर विचार गोष्ठी हुई।
मुख्य अतिथि एवं वक्ता प्रो. सत्येन्द्र प्रताप सिंह (पूर्व प्राचार्य मिहरावां पीजी कालेज) ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जी का 'एकात्म मानववाद' केवल एक दर्शन नहीं, बल्कि समाज और लोकतंत्र को जोड़ने वाली जीवन दृष्टि है। आज की परिस्थितियों में उनके विचार और अधिक प्रासंगिक हो गए हैं और युवाओं को चाहिए कि वे उनके सिद्धांतों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
प्रो. मानस पाण्डेय (अध्यक्ष दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ) ने स्वागत एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि उपाध्याय जी किसानों, श्रमिकों और वंचित वर्ग के उत्थान के लिए सदैव चिंतित रहते थे। उनके विचार आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने कहा कि उपाध्याय जी का एकात्म मानववाद केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए दिशा-दर्शक है।
कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ. अनुराग मिश्र ने किया तथा डॉ. आशुतोष सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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