जौनपुर। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर नईगंज स्थित श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय के डायरेक्टर और न्यूरो एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिनाथ यादव ने बताया कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दौरान आयोजन किया जाता है जिसमें लोगों को तंबाकू के उपयोग के खतरों, तंबाकू कम्पनियों के व्यावसायिक व्यवहारों, तंबाकू के उपयोग के खिलाफ लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या कर रहा है और दुनिया भर के लोग स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन जीने के अपने अधिकार का दावा करने और भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा करने के लिए क्या कर सकते हैं, के बारे में जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस दिन का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जिसके कारण वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 8 मिलियन से अधिक मौतें होती हैं, जिनमें 1.2 मिलियन मौतें धूम्रपान न करने वालों के सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने के कारण होती हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एक नई फैक्टशीट में तम्बाकू के सेवन और मानसिक बीमारी के बीच जटिल संबंधों की जांच की गई है। फैक्टशीट में इन संबंधों को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया है। गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले 3 में से 2 लोग वर्तमान में धूम्रपान करते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। तम्बाकू के सेवन और मानसिक स्वास्थ्य के बीच का संबंध जटिल और चौंकाने वाला है। फैक्टशीट में जारी कुछ आंकड़े चौंकाने वाले हैं। गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोग औसतन 15-20 साल पहले मर जाते हैं, जिनमें से एक मुख्य कारण तम्बाकू है। आपके रक्त से निकोटीन आपके मस्तिष्क में जाता है। वहां यह रिसेप्टर्स को सक्रिय करता है जो आपके मस्तिष्क में डोपामाइन, एड्रेनालाईन, एंडोर्फिन, सेरोटोनिन और अन्य अच्छा महसूस करने वाले संकेतों को रिलीज़ करते हैं। यहीं से निकोटीन बज़ आता है। यह ऐसा है जैसे निकोटीन आपको ज़्यादा आराम, संतुष्ट या ऊर्जावान बनाने के लिए बटन दबा रहा हो। निकोटीन आपके मस्तिष्क पर काम करता है और एक आरामदायक, सुखद एहसास पैदा करता है जिससे इसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है। लेकिन तम्बाकू धूम्रपान करने से आपको कैंसर, स्ट्रोक, दिल का दौरा, फेफड़ों की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है।
डॉ. यादव ने बताया कि धूम्रपान आपकी त्वचा और नाखूनों की बनावट से लेकर आपके ऊतकों, अंगों और यहाँ तक कि आपके डीएनए की कार्यप्रणाली तक सब कुछ प्रभावित करता है। आपके शरीर पर धूम्रपान का असर उसी क्षण शुरू हो जाता है जब आप सिगरेट जलाते हैं। तम्बाकू जलाने से निकलने वाले हज़ारों रसायन आपके द्वारा कश लेने से पहले ही अपना नुकसानदायक सफर शुरू कर देते हैं।
डॉ. हरिनाथ यादव ने बताया कि तंबाकू सेवन से हमको दोहरा नुकसान होता है। तंबाकू सेवन से तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ा है। हम नशे के लत में फंस जाते हैं, उसके प्रभाव से हमारे शरीर की सभी अंग प्रभावित होते हैं जिससे हार्ट अटैक, कैंसर यहां तक की डीएनए संरचना तक प्रभावित होती है। इस अवसर पर डॉ. सुशील यादव, उमानाथ यादव, प्रतिमा यादव, संतोष,सूरज, शिव बहादुर सहित समस्त हॉस्पिटल स्टाफ, मरीज एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।
डॉ. यादव ने बताया कि धूम्रपान आपकी त्वचा और नाखूनों की बनावट से लेकर आपके ऊतकों, अंगों और यहाँ तक कि आपके डीएनए की कार्यप्रणाली तक सब कुछ प्रभावित करता है। आपके शरीर पर धूम्रपान का असर उसी क्षण शुरू हो जाता है जब आप सिगरेट जलाते हैं। तम्बाकू जलाने से निकलने वाले हज़ारों रसायन आपके द्वारा कश लेने से पहले ही अपना नुकसानदायक सफर शुरू कर देते हैं।
डॉ. हरिनाथ यादव ने बताया कि तंबाकू सेवन से हमको दोहरा नुकसान होता है। तंबाकू सेवन से तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ा है। हम नशे के लत में फंस जाते हैं, उसके प्रभाव से हमारे शरीर की सभी अंग प्रभावित होते हैं जिससे हार्ट अटैक, कैंसर यहां तक की डीएनए संरचना तक प्रभावित होती है। इस अवसर पर डॉ. सुशील यादव, उमानाथ यादव, प्रतिमा यादव, संतोष,सूरज, शिव बहादुर सहित समस्त हॉस्पिटल स्टाफ, मरीज एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।
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